ई-मित्र संचालकों को भी पास करना होगा प्री ई-मित्र एग्जाम
राज्यसरकार द्वारा गुड गवर्नेस के तहत ई-गवर्नेस योजनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ई-मित्र कियोस्कों को भी बेहतर...
राज्यसरकार द्वारा गुड गवर्नेस के तहत ई-गवर्नेस योजनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ई-मित्र कियोस्कों को भी बेहतर करने का प्रयास कर रही है। सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेशभर में संचालित ई-मित्र संचालकों की प्री ई-मित्र परीक्षा ली जाएगी। जिसकी विभाग ने भी लगभग तैयारियां पूरी कर ली है। जो भी इस परीक्षा में नहीं बैठेगा उसका ई-मित्र कियोस्क बंद हो जाएगा। शाहपुरा ब्लॉक क्षेत्र में 196 ई-मित्र सेंटर संचालित हो रहे है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की साढ़े नौ हजार ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे ई-मित्रों के संचालक भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राडार पर गए है। राज्य में एक दिसम्बर 2017 के बाद ई-मित्र खोलने वालों के लिए बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा पास करना जरूरी कर दिया गया है। दो चरणों में होने वाली परीक्षा के पहले चरण में आवेदक तथा वर्तमान संचालकों को हर छह माह में एक बार सौ अंकों का प्रश्न पत्र हल करना होगा। परीक्षा में ई-मित्र पोर्टल की प्रारम्भिक जानकारी, कंप्यूटर इंटरनेट तथा मोबाइल से जुड़े आब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा में फेल हो जाने की दशा में संबंधित ई-मित्र कियोस्क बंद कर दिए जाएंगे। अभी परीक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा रहे है।
दूसरे चरण में विस्तृत प्रमाणीकरण
दूसरेचरण की परीक्षा विस्तृत प्रमाणीकरण से जुड़ी होगी। सौ अंकों की यह परीक्षा साल में एक बार होगी। इसमें ऑब्जेक्टिव के साथ डिटेल्ड सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा का पाठ्यक्रम ई-मित्र पोर्टल पर चल रही सेवाओं के विवरण से जुड़ा होगा। खास बात ये है कि मास्टर ट्रेनर को भी परीक्षा में पास होना जरूरी होगा।
नए पुराने ई-मित्र पर एक ही नियम
सूचनासहायक दौलत कुमार अटल, जय कुमार छींपा ने बताया कि आमजन को ई-मित्र परियोजना के तहत संचालित सभी सेवाएं निर्बाध रूप से मिले। इसके लिए ही बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा की बाध्यता लागू की जा रही है। हर नए आवेदक तथा पुराने संचालकों को यह परीक्षा पास करना जरूरी होगा।
बेहतर सेवा पर मिलेगा पुरस्कार
ई-मित्रकियोस्कों की तरह ही स्थानीय सेवा प्रदाताओं का वर्गीकरण किया जाएगा। इसमें उन्हें कियोस्कों के औसत वर्गीकरण, मास्टर ट्रेनर की ओर से हासिल औसत अंक, लेन-देन के औसत, कार्य दिवस के औसत, आमजन को दी गई सेवाओं के औसत, स्थानीय सेवा प्रदाताओं के रोल आउट प्लान तथा प्रशिक्षण की कसौटी पर परखा जाएगा। इसके बाद उन्हें सिग्नेचर, प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर बेस ई-मित्र श्रेणी में बांटा जाएगा। इनके आधार पर ही स्थानीय सेवा प्रदाताओं की सेवाएं नवीनीकृत होगी। आईटी दिवस या अन्य विभागीय समारोह में उन्हें पुरस्कार दिया जाएगा। उनका कमीशन भी श्रेणी के आधार पर तय होगा।
बायोमेट्रिक वैब कैमरा जरूरी
यह परीक्षा विभाग के द्वारा आयोजित करवाई जाएगी। चार अलग-अलग पारियों में एक घंटे के लिए आयोजित होगी। ई-मित्र संचालक स्वयं अपनी सुविधानुसार परीक्षा तिथि समय का चुनाव कर सकता है। विभाग द्वारा आयोजित यह परीक्षा ऑनलाईन आयोजित की जाएगी। इसके लिए ई-मित्र संचालक के पास वैब कैमरा बायोमैट्रिक उपकरण का होना बहुत जरूरी है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा अब नये ई-मित्र लेने पूर्व से संचालित ई-मित्र संचालको को विभागीय परीक्षा प्री ई-मित्र एग्जाम पास करनी होगी। जिसने भी यह एग्जाम नहीं दी उसका ई-मित्र कियोस्क की सेवाएं बंद हो जाएंगी। राजेशराठौड़, ब्लॉक प्रोग्रामर, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की साढ़े नौ हजार ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे ई-मित्रों के संचालक भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राडार पर गए है। राज्य में एक दिसम्बर 2017 के बाद ई-मित्र खोलने वालों के लिए बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा पास करना जरूरी कर दिया गया है। दो चरणों में होने वाली परीक्षा के पहले चरण में आवेदक तथा वर्तमान संचालकों को हर छह माह में एक बार सौ अंकों का प्रश्न पत्र हल करना होगा। परीक्षा में ई-मित्र पोर्टल की प्रारम्भिक जानकारी, कंप्यूटर इंटरनेट तथा मोबाइल से जुड़े आब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा में फेल हो जाने की दशा में संबंधित ई-मित्र कियोस्क बंद कर दिए जाएंगे। अभी परीक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा रहे है।
दूसरे चरण में विस्तृत प्रमाणीकरण
दूसरेचरण की परीक्षा विस्तृत प्रमाणीकरण से जुड़ी होगी। सौ अंकों की यह परीक्षा साल में एक बार होगी। इसमें ऑब्जेक्टिव के साथ डिटेल्ड सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा का पाठ्यक्रम ई-मित्र पोर्टल पर चल रही सेवाओं के विवरण से जुड़ा होगा। खास बात ये है कि मास्टर ट्रेनर को भी परीक्षा में पास होना जरूरी होगा।
नए पुराने ई-मित्र पर एक ही नियम
सूचनासहायक दौलत कुमार अटल, जय कुमार छींपा ने बताया कि आमजन को ई-मित्र परियोजना के तहत संचालित सभी सेवाएं निर्बाध रूप से मिले। इसके लिए ही बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा की बाध्यता लागू की जा रही है। हर नए आवेदक तथा पुराने संचालकों को यह परीक्षा पास करना जरूरी होगा।
बेहतर सेवा पर मिलेगा पुरस्कार
ई-मित्रकियोस्कों की तरह ही स्थानीय सेवा प्रदाताओं का वर्गीकरण किया जाएगा। इसमें उन्हें कियोस्कों के औसत वर्गीकरण, मास्टर ट्रेनर की ओर से हासिल औसत अंक, लेन-देन के औसत, कार्य दिवस के औसत, आमजन को दी गई सेवाओं के औसत, स्थानीय सेवा प्रदाताओं के रोल आउट प्लान तथा प्रशिक्षण की कसौटी पर परखा जाएगा। इसके बाद उन्हें सिग्नेचर, प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर बेस ई-मित्र श्रेणी में बांटा जाएगा। इनके आधार पर ही स्थानीय सेवा प्रदाताओं की सेवाएं नवीनीकृत होगी। आईटी दिवस या अन्य विभागीय समारोह में उन्हें पुरस्कार दिया जाएगा। उनका कमीशन भी श्रेणी के आधार पर तय होगा।
बायोमेट्रिक वैब कैमरा जरूरी
यह परीक्षा विभाग के द्वारा आयोजित करवाई जाएगी। चार अलग-अलग पारियों में एक घंटे के लिए आयोजित होगी। ई-मित्र संचालक स्वयं अपनी सुविधानुसार परीक्षा तिथि समय का चुनाव कर सकता है। विभाग द्वारा आयोजित यह परीक्षा ऑनलाईन आयोजित की जाएगी। इसके लिए ई-मित्र संचालक के पास वैब कैमरा बायोमैट्रिक उपकरण का होना बहुत जरूरी है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा अब नये ई-मित्र लेने पूर्व से संचालित ई-मित्र संचालको को विभागीय परीक्षा प्री ई-मित्र एग्जाम पास करनी होगी। जिसने भी यह एग्जाम नहीं दी उसका ई-मित्र कियोस्क की सेवाएं बंद हो जाएंगी। राजेशराठौड़, ब्लॉक प्रोग्रामर, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग।
Tags
emitra