राजस्थान इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना

मनरेगा की तर्ज पर है योजना 

उल्लेखनीय है कि मनरेगा योजना की तर्ज पर अब शहरों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गांरटी योजना में शहरी क्षेत्र में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर व  जरूरतमंद  परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया जाएगा। नगर निगमों के माध्यम से संचालित होने वाला इस योजना में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर काम दिया जाएगा। योजना एक जून से शुरू होने वाली थी लेकिन पोर्टल का काम पूरा नहीं होने की वजह से योजना को जून के पहले या दूसरे सप्ताह में शुरू किया जाएगा। 



100 दिन मिलेगा रोजगार


योजना के तहत जरूरतमंद परिवार के एक सदस्य का चयन किया जाएगा। हर परिवार को 100 दिन रोजगार देने का लक्ष्य है। ये परिवार ऐसे होंगे जो बेरोजगार  है या उन परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। उल्लेखनीय है कि सीए गहलोत की बजट घोषणा की काफी तारीफ हुई थी। कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू करने की बात कही गई थी। सीएम गहलोत ने योजना के लिए अलग से बजट रखा है। बजट भाषण के दौरान सीएम मनरेगा में कार्य दिवस बढ़ाए जाने की भी घोषणा की थी।



3. उददेश्य


के इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्र में निवास कर रहे प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवाकर उनकी आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।


* योजनान्तर्गत शहरी क्षेत्र में प्रत्येक परिवार को भांग के आधार पर पात्र व्ययों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाना है। जिसमें मुख्यतः श्रम आभारित कार्यों को ही सम्मिलित किया गया है। इसमें स्थाई परिसम्पतियों का एक्च द्वितीयक (condary) रहेगा। स्थाई प्रकृति के कार्यों में ही एतिपतियों का सूजन हो सकेगा।


4. पात्रता

राजस्थान राज्य के किसी भी शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्राधिकार में निवास करने परिवार के 18 वर्ष से 60 वर्ष तक की उम्र के सदस्य जो इस योजनान्तर्गत पंजीकृत हैं। इस योजना अंतर्गत परिवार के पंजीयन हेतु जनाधार कार्ड अनिवार्य है एवं जन आधार कार्ड यूनिट को परिवार यूनिट माना जायेगा। जिस परिवार के पास जनाधार कार्ड उपलब्ध नहीं है, वे परिवार इस योजना में पंजीयन हेतु जन आधार कार्ड हेतु ई-मित्र केन्द्र या नगर पालिका सेवा केंद्र पर आवेदन करते हुये आवेदन पत्र का पंजीयन क्रमांक अंकित कर प्रस्तुत कर सकेंगे। समस्त नगरीय निकायों द्वारा जनाधार कार्ड तैयार करने एवं योजना में पंजीयन करने हेतु 1 मई, 2022 से विशेष अभियान चलाया जायेगा। परिवार के कॉमन डेटा को जनाधार कार्ड के माध्यम से HiPortal पर लिंक करना होगा।

विषम परिस्थितियों जैसे कोरोना काल. अन्य कोई महामारी या आपदा आदि में प्रवासी मजदूरों को भी इस योजना के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकेगा।


6. योजना में अनुमत कार्य


इस योजनान्तर्गत शहरी क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य अनुमत होंगे : 

A. पर्यावरण सरंक्षण कार्य :

1. सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण का कार्य।

उद्यान संधारण सम्बन्धी कार्य ।

iii. फुटपाथ, डिवाईडर व अन्य सार्वजनिक स्थान पर लगे हुये पौधों को पानी देने व संधारण का कार्य।

iv. नगरीय निकायों, वन, उद्यानिकी व कृषि विभाग के अधीन नर्सरी में पौधे तैयार करने का कार्य।

V. श्मशान व कब्रिस्तान में सफाई व वृक्षारोपण सम्बन्धी कार्य ।

vi. उद्यानिकी (Horticulture) से सम्बन्धी कार्य ।

vii. Forestry से सम्बन्धी कार्य ।


B. जल संरक्षण सम्बन्धी कार्य :


1. तलाव, गिनाणी, टांके, बावडी, जोहड़ आदि की मिट्टी निकालने, सफाई व सुधार (Improvement) सम्बन्धी कार्य ।

ii रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण, मरम्मत व सफाई सम्बन्धी कार्य।

iii. जल स्त्रोतों के पुनरुद्धार सम्बन्धी कार्य । C. स्वच्छता एवं सेनीटेशन सम्बन्ध कार्य:

i. ठोस कचरा प्रबंधन (Solid waste management) सम्बन्धी कार्य ।

ii. नगरीय अपशिष्ठ के घर-घर संग्रहण (Door to door Collection) एवं पृथक्कीकरण (Segrigation) हेतु श्रमिक कार्य ।

iii. डम्पिंग साईट / एम.आर.एफ. सेन्टर पर कचरे का पृथक्कीकरण कार्य।

iv. सार्वजनिक / सामुदायिक शौचालय व मूत्रालय की सफाई व रखरखाव।

v. नाला / नालियों की सफाई का कार्य।

vi. सडक व सार्वजनिक स्थलों पर झाडियों व घास की सफाई कार्य ।

vii. निर्माण व विध्वंस कार्यो से उत्पन्न सामग्री को हटाने का कार्य ।


C. स्वच्छता एवं सेनीटेशन सम्बन्ध कार्य :


1. ठोस कचरा प्रबंधन (Solid waste management) सम्बन्धी कार्य ।

il नगरीय अपशिष्ठ के घर-घर संग्रहण (Door to door Collection) एवं पृथक्कीकरण (Segrigation) हेतु श्रमिक कार्य ।

iii. इम्पिंग साईट / एम.आर.एफ. सेन्टर पर कचरे का पृथक्कीकरण कार्य । की सफाई व

iv. सार्वजनिक / सामुदायिक शौचालय व मूत्रालय रखरखाव।

v. नाला / नालियों की सफाई का कार्य। vi. सडक व सार्वजनिक स्थलों पर झाडियों व घास की सफाई कार्य।

vii. निर्माण व विध्वंस कार्यो से उत्पन्न सामग्री को हटाने का कार्य।


D. सम्पति विरूपण (Defacement of property) रोकने से सम्बन्धी कार्य :


1. अतिक्रमण व अवैध बोर्ड / होर्डिग्स / बैनर आदि हटाने हेतु लेबर कार्य ।

ii. सड़क डिवाईडर / रैलिंग / दीवार / सार्वजनिक दृश्य स्थल (Publicly visible spaces) आदि की पुताई / पेंटिंग का कार्य ।

E. कन्वर्जेन्स कार्य :


1. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी). मुख्यमंत्री जन आवास योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य में कन्वर्जेन्स ।

ii. केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अनुमत घटक के साथ निर्माण कार्य में कन्वर्जेन्स ।

iii. नगरीय निकाय के स्वयं के स्त्रोत से संचालित निर्माण कार्य में श्रम मद हेतु कन्वर्जेन्स ।


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F. सेवा सम्बन्धी कार्य ।


1. कॉयन हाउस / गौशाला में श्रमिक कार्य।
ii. नगरीय निकाय कार्यालयों में Multi Task Services कार्य, रिकॉर्ड
कीपिंग कार्य ।
G. हेरीटेज संरक्षण से संबद्ध कार्य।


H. अन्य कार्य :


1. नगरीय निकायों व सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा / फेन्सींग / चारदीवारी /गार्ड इत्यादि से संबद्ध कार्य।
ii. नगरीय निकाय क्षेत्र में पार्किंग विकास व पार्किंग स्थल प्रबंधन से
संबद्ध कार्य । iii. आवारा पशुओं को पकड़ने, रखने व प्रबंधन से सम्बन्धी कार्य ।
iv. राजीव गांधी सेवा केन्द्र की तर्ज पर मॉडल भवन निर्माण। v. राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अनुमत अन्य कार्य।


i. राज्य सरकार उपरोक्त कार्यो में समय-समय पर आवश्यकतानुसार संशोधन व अन्य श्रेणी के कार्य सम्मिलित कर सकेगी।

ii. उद्यानिकी, कृषि एवं वन विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार करने का कार्य, जल संसाधन विभाग के अधीन नहरों, वितरिकाओं, डिग्गी इत्यादि के निर्माण व मरम्मत सम्बन्धी कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मुख्यमंत्री जन आवास योजना के अंतर्गत आवास निर्माण कार्य इत्यादि को अभिसरण (Convergence) के माध्यम से लिये जाकर करवाये जा सकेंगे।


iii. इस योजना के तहत जो कार्य केवल श्रमिकों के माध्यम से करवाये जा सकते हैं, उन कार्यो को प्राथमिकता दी जावेगी। 
iv. ऐसे तकनीकी कार्य, जिनको संवेदको के माध्यम से कराया जाना आवश्यक है, उन कार्यों में कुल प्रोजेक्ट लागत के श्रम हिस्से के लिए नगरीय निकाय द्वारा मस्टरोल जारी की जाकर श्रमिकों का नियोजन किया जायेगा। ऐसे कार्यो में निर्माण सामग्री तथा तकनीकी विशेषज्ञ / कुशल श्रमिकों को पारिश्रमिक भुगतान का अनुपात (Metarial Labour Ratio) 75:25 होगा। नगरीय निकायो द्वारा इस प्रकार के विशेष प्रकृति के कार्यों की निविदायें करते समय उपर्युक्त विवरण को निविदा प्रपत्र में स्पष्ट रूप से अंकित करना होगा।

v. सम्बन्धित नगर निकाय द्वारा जॉब कार्ड धारक को सम्बन्धित जोन क्षेत्र या वार्ड क्षेत्र में प्राथमिकता से रोजगार/ कार्य उपलब्ध करवाया जावेगा।

vi. इस योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यों में उपलब्ध करवाये जाने वाले रोजगार के सम्बन्ध में सम्बन्धित नगर निकाय द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार किया जायेगा एवं वार्ड स्तर पर आम नागरिकों को होर्डिंग्स / बोर्ड पम्पलेट या अन्य किसी सूचना माध्यम से जानकारी उपलब्ध करवाई जावेगी।

7. कार्य योजना (Action Plan) व श्रम बजट


A. इस योजनान्तर्गत ऐसे कार्यों का चयन किया जावेगा, जिनमें पात्र व्यक्तियों को मांग आधारित रोजगार उपलब्ध कराने हेतु अधिकाधिक रोजगारपरक श्रम दिवसों का सृजन हो।

B. सम्बन्धित नगरीय निकाय के आयुक्त/मुख्य नगरपालिका अधिकारी- Chief Municipal Office) कार्यों के व चिन्हिकरण के लिये अधिकृत होंगे। प्रत्येक वार्ड को प्राथमिकता देते हुये क्षेत्र व कार्य की प्रकृति के अका रूप से चयन किया जाकर कार्य योजना बनाई जायेंगी तथा बजट (Labour Budget) तैयार किया जाएगा।

C. तत्पश्चात जिला कलेक्टर (जिला परियोजना समन्द) को अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन कराया जायेगा। अनुमोदन उपरान्त कार्ययोजना को राज्य सरकार को सूचना प्रेषित की जायेगी एवं IRGY-Urban MIS Portal पर अपलोड किया जायेगा।

D. कार्य योजना में नगरीय निकाय स्तर से सम्वत के लिये श्रम बजट, मानव दिवस गणना, आवश्यक निर्माण सामग्री की आवश्यकता का आंकलन, उपकरण एवं संसाधन की आवश्यक का आंकलन, आधारभूत संरचना, प्रचार-प्रसार IEC Antifies) आदि संबंधित विवरण सम्मिलित रहेगा।

E. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना (G) नाद के अंतर्गत व्यय राज्य निधि (State Fund) से वहन किया जायेगा।

F. योजना के अंतर्गत करवाये जाने वाले कार्यों की माप करने के लिये सम्बन्धित नगरीय निकाय द्वारा तकनीकी अधिकारियों के सहयोग हेतु कार्यवार मैट रखा जावेगा। मैट द्वारा निम्न कार्य सम्पादित किये जायेंगे : i. सम्बन्धित नगरीय निकाय के तकनीकी अधिकारियों के निर्देशन में मैट द्वारा वर्क साईट पर श्रमिकों को कार्य पर नियोजित करना, उनकी दैनिक उपस्थिति दर्ज करना, मस्टरोल को संधारित करना, कार्य की दैनिक माप करना, कार्य का माप पुस्तिका में इन्द्राज करने के लिये तकनीकी अधिकारियों को सहयोग करना, श्रमिकों की दैनिक सूचना कार्यालय को उपलब्ध कराना इत्यादि कार्य किये जायेंगे। कनिष्ठ तकनीकी सहायक / कनिष्ठ अभियन्ता द्वारा मस्टरोल एवं माप पुस्तिका (MB) संधारित की जावेगी।

ii. दिव्यांग व्यक्ति को मैट कार्य हेतु कार्य की प्रकृति आवश्यकता एवं विकलांग व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कार्य पर नियोजित किया जावेगा।

8. कार्यों की स्वीकृति :

i. योजनान्तर्गत सामान्य प्रकृति के कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा पारिश्रमिक भुगतान का अनुपात (Material Labour Ratio) 25 75 होगा। इस अनुपात का निर्धारण निकाय / वार्डवार मासिक आधार पर किया जायेगा, जिसमें पारिश्रमिक भत्ता भुगतान न्यूनतम 75 प्रतिशत होना आवश्यक है। इस अनुपात में राज्य सरकार द्वारा आवश्यकतानुसार समय-समय पर परिवर्तन किया जा सकेगा। किन्तु विशेष प्रकृति के तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञ / कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक भुगतान का अनुपात (Metarial Labour Ratio) 75 : 25 होगा।

11. स्वायत्त शासन विभाग द्वारा योजनान्तर्गत अनुमत कार्यों हेतु बनाये गये अनुमान (Estimate) प्रच



राजस्थान इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की अवधि • 

राजस्थान इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत लाभार्थीयों के लिए योजना की अवधि 100 दिन की होगी | जविक मनरेगा (ग्रामीण) के 100 दिन के रोजगार को 125 दिन के करने की घोषणा की गई। है। जिसमे से 25 दिन के रोजगार का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। जिसके लिए लगभग 700 करोड़ रुपए का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर को वढावा मिलेगा|

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के लिए पात्रता

राजस्थान राज्य के स्थायी निवासी

शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक

लाभार्थी के पास खुद का कोई भी रोजगार नहीं होना चाहिए।

आवेदक वेरोजगार होना चाहिए।








पात्रता दस्तावेज

  • आवेदक राजस्थान का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • आयु का प्रमाण
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी आदि





इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के लाभ


•• राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत राज्य के शहरी क्षेत्रो मे रहने वाले नागरिको को रोजगार प्रदान करने के लिए की गई है। • इस योजना के माध्यम से अगले वर्ष से शहरी क्षेत्रों में मनरेगा की तर्ज पर मांगे जाने वाले काम

पर 100 दिन का रोजगार लाभार्थी को प्रदान किया जाएगा। जिसमे से लाभार्थी को गारंटीकृत रोजगार प्रदान किया जाता है।

• इस योजना के के लिए सरकार दवारा 800 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। मनरेगा योजना को अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा था लेकिन अब इस

योजना को शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए भी चलाया जा रहा है। रोजगार मिलने से शहरी परिवारों को संबल प्रदान हो सकेगा।

• इस योजना से बेरोजगार नागरिको को रोजगार के लिए भटकना नही पडेगा |

• बजट घोषणा के दौरान राजस्थान सरकार द्वारा मनरेगा (ग्रामीण) के 100 दिन के रोजगार को 125 दिन के करने की घोषणा की गई है।

जिसमे से 25 दिन के रोजगार का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा 700 करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा।

इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय वर्ष

में कम से कम 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जा सकेगा || इस योजना को देश के प्रत्येक जिले में कार्यान्वित किया गया है। जिसका लाभ राज्य के पात्र

नागरिको को प्रदान किया जा रहा है। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का लाभ पात्र लाभार्थी ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड के जरिये प्राप्त कर सकेंगे।


-:इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से जुड़े सामन्य प्रश्न:-

मनरेगा की तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी गारंटी रोजगार गारंटी योजना में शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 800 करोड़ रूपए खर्च करेगी।

आवेदनकर्ता नजदीकी ईमित्र के माध्यम से निम्न प्रक्रिया के आधार पर लाभार्थी बन सकते हैः-
. जन-आधार कार्ड संख्या/जन-आधार पंजीयन संख्या दर्ज करने के बाद मुखिया के मोबाईल पर आया हुआ ओ.टी.पी. दर्ज करें।
. परिवार के सदस्यों का चयन करें।
. जॉब कार्ड डाउनलोड करें।

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मनरेगा की तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी गारंटी रोजगार गारंटी योजना में शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 800 करोड़ रूपए खर्च करेगी।.

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